अंतर्राष्ट्रीय संगठन
Class 12 Political Science Chapter 6 Notes in Hindi
(International Organisations)
यहाँ हम कक्षा 12 राजनीतिक विज्ञान के पहले अध्याय “अंतर्राष्ट्रीय संगठन” के नोट्स उपलब्ध करा रहे हैं। इस अध्याय में अंतर्राष्ट्रीय संगठन से जुड़ी प्रमुख विशेषताओं का अध्ययन किया गया है।
ये नोट्स उन छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे जो इस वर्ष बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। सरल और व्यवस्थित भाषा में तैयार की गई यह सामग्री अध्याय को तेजी से दोहराने और मुख्य बिंदुओं को याद रखने में मदद करेगी।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन
अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यापक होते हैं। जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विवादों के समाधान तथा शांति व सुरक्षा स्थापित करने में व विभिन्न देशों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता
(i) अंतराष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापित करना।
(ii)विश्व में सभी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
(iii) सामयिक, आर्थिक और मानवीय समस्याओं का हल करने के लिए।
(iv) अंतराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों का सहयोग सुनिश्चित करने के लिए
(v)वैश्विक समस्याओं को एक जगह बैठ कर हल करने के लिए
संयुक्त राष्ट्र संघ का उदय और विकास
- 14 से 1998 में प्रथम विश्व युद्ध हुआ।
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद शाति स्थापित करने के लिए राष्ट्र संघ (लीग ऑफ नेशन) का गठन किया गया।
- 1920 में इस संघ को बनाया गया ताकि विश्व में शांति बनाई जा सके।
- 1939 से 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध हुआ।
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद विश्व को एकजुट करने के लिए और शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई जोकि लीग ऑफ नेशन के एक उत्तराधिकारी के रूप में सामने आया।
- 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना की गई
- 26 जून 1945 को सेनफ्रांसिसको में 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किये।
- 15 अक्टुबर 1945 को पोलैंड ने भी इस पर हस्ताक्षर किये।
- 24 अक्टूबर 1945 को 51 देशों ने संस्थापक देश के रूप में हस्ताक्षर करके UNO का गठन किया और भारत भी इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल था।
- वर्तमान समय मे UNO 193 सदस्य देश है और 193वाँ देश दक्षिणी सूडान है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग
1.महासभा(आमसभा)
- UNO के सभी 193 सदस्य महासभा के भी सदस्य होते है
- हर सदस्य देश को एक वोट डालने का अधिकार होता है।
- प्रत्येक वर्ष इसकी एक बैठक होना जरूरी है।
- महत्वपूर्ण मुद्दो पर निर्णय 2/3 बहुमत से लिया जाता है।
- महासभा सुरक्षा परिषद की सलाह पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायधीशों का चुनाव करती है।
- UNO के बजट पर निर्णय महासभा में लिया जाता है।
- महासभा में प्रत्येक देश 5 प्रतिनिधि भेज सकता है लेकिन उस देश का वोट सिर्फ एक ही होता है।
- महासभा में सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं,इसलिए इसको विश्व का संसद भी कहा जाता है
2.सुरक्षा परिषद
(1) सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं
(2) इनमें से 5 स्थाई सदस्य होते है अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस चीन।
(3) 10 सदस्य अस्थाई होते है जो प्रत्येक दो वर्ष के बाद बदल दिए जाते है।
(4) सुरक्षा परिषद का मुख्य काम अंतराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच विवादों को हल करने में मदद करना होता है।
(5) विश्व में किसी अपराधिक राष्ट्र के प्रति शांति सेना के द्वारा सैनिक कार्यवाही सुरक्षा परिषद कर सकती है।
(6)UNO का सदस्य बनने के लिए सुरक्षा परिषद की सिफारिश आवश्यक है।
(7) UNO के सभी 5 स्थाई सदस्य को विटो पॉवर प्राप्त है।
(8) UNO में सुरक्षा परिषद की भूमिका कार्यपालिका जैसी है।
(9)अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना सुरक्षा परिषद की मुख्य जिम्मेदारी है। इसी कारण इसे दुनिया का पुलिस मैन भी कहा जाता है।
3.आर्थिक और सामाजिक परिषद
- इस परिषद की बैठक वर्ष में 2 बार New york और जेनेवा में होती है।
- इस परिषद में कुल 54 सदस्य है
- इन 54 सीटों में से 10 सीटे लैटिन अमेरिका, 18 सीटे पश्चिमी यूरोप, 14 सीटें अफ्रीका, 11 सीटें एशिया और 6 सीटे पूर्वी यूरोप को प्राप्त है।
- इस परिषद में आयोग और समितियां भी काम करती है।
- इस परिषद के सदस्यों का का चुनाव महासभा द्वारा किया जाता है जिनका कार्यकाल 3 वर्ष होता है।
- परिषद में प्रत्येक सदस्य देश से एक ही प्रतिनिधि हो सकता है।
- यह एक अस्थाई संस्था है जिसमें 1/3 सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं।
- यह परिषद शिक्षा, स्वास्थ, चिकित्सा और सांस्कृतिक प्रचलनों पर विचार विमर्श करती है। इस परिषद में निर्णय साधारण बहुमत से लिया जाता है
4.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायधीश होते है जो सुख्क्षा परिषद की सिफारिश से महासभा द्वारा चुने जाते है।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना हैग (नीदरलैंड) में 7 अप्रैल 1946 में की गई थी।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की कानून पुस्तक में 5 अध्याय और 70 अनुच्छेद है।
- अंतरर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायधीशों की नियुक्ति 9 वर्ष के लिए होती है और प्रत्येक 3 वर्ष बाद 5 न्यायधीश अवकाश ग्रहण कर लेते है।
- कोई भी दो न्यायधीश एक ही देश से नही हो सकते है
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सरकारी भाषाएँ फ्रेंच और अंग्रेजी है।
अंतरर्राष्ट्रीय न्यायालय के अधिकारी को तीन भागो में बांटा गया है:-
i.एच्छिक
ii.सलाहकारी
iii.अनिवार्य क्षेत्राधिकार
अंतराष्ट्रीय न्यायालय वैश्विक मुद्दो और दो देशों के बीच विवाद की सुनवाई करता है यह सुनवाई तभी संभव है जब दोनों पक्ष अंतरर्राष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई के लिए तैयार हो उसके बाद जो भी न्यायालय का फैसला होता है वो बाध्यकारी/अनिवार्य होता है।
सचिवालय
- सचिवालय संयुक्त राष्ट्रीय संघ का प्रशासनिक अंग है
- संयुक्त राष्ट्र के दिन प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन सचिवालय करता है।
- संगठन की जरूरत के अनुसार कर्मचारियों का चयन सचिवालय द्वारा किया जाता है वर्तमान में लगभग इसमें 10 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे है।
- सचिवालय का सबसे बड़ा अधिकारी या मुखिया महासचिव होता है। महासचिव को संसद का प्रशासनिक अधिकारी भी कहा जाता है।
- महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश के द्वारा 5 वर्ष के लिए किया जाता है।
- सचिवालय में 9 विभाग कार्य करतेे है।
- संयुक्त राष्ट्र के कार्यों के संबंध में वार्षिक रिपोर्ट महासभा में महासचिव के द्वारा प्रस्तुत की जाती है।
सचिवालय UNO के अंगों की कार्यवाही को लिखता है और प्रकाशित भी करता है।- महासचिव सुरक्षा परिषद का ध्यान ऐसे विषयों की ओर, दिलवाता है जिनसे विश्व शांति और सुरक्षा को खतरा होता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसियाँ
1.अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 1944 में हुई थी यह UNO की एक वित्तीय एजेन्सी है।
- IMF का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी (USA) मे है। वर्तमान में इसमें 190 देश शामिल है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा, कोष की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक समस्याओं का समाधान करना है।
- इसका मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विस्तार, उच्चरोजगार, संतुलित विकास, वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है।
- IMF सदस्य राष्ट्रों की मुद्राओं की विनिमय दरों में स्थिरता बनाए रखने का भी कार्य करता है।
- IMF के 190 देशों की सूची में भारत 126 वें स्थान पर अमीर देश है।
2.विश्व आपार संगठन WTO [World Trade Organization)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- ये विश्व व्यापार के लिए नियम बनाता है।
- इसकी स्थापना 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई
- वर्तमान समय में विश्व आपार संगठन में 164 देश शामिल है
- WTO के उद्देश्य प्रशुल्क में कटौती करना, विभिन्न देशो के बीच व्यापारिक संबंध स्थापित करना है।
- WTO के कार्य विश्व व्यापार संगठन के व्यापार के झगड़ों को निपटाना है।
3.अंतरर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) संयुक्त राष्ट्र संघ का एक निकाय है।
- इसकी स्थापना 1919 स्वीट्जरलैंड के जेनेवा में की गई थी
- यह संस्था 193 देशों में काम कर रही है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन का अंग है।
- ये 1946 में संयुक्त राष्ट्र से संबंध पहली विशिष्ट एजेन्सी बन गया।
- 1969 में इसे विश्व शांति के लिए नोवेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इसका उद्देश्य दुनिया के श्रमिक वर्ग की श्रम और आपसी संबंधी अवस्थाओं में सुधार करना है।
- अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन सामाजिक एवं श्रम समस्याओं को सुलझाने में सदस्य देशों की मदद करता है।
- वर्ष 1928 में भारत में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का पहला कार्यालय नई दिल्ली में स्थापित किया गया था।
4.विश्व बैंक WB (World Bank)
- विश्व बैंक की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1944 में हुई थी।
- इसकी गतिविधियाँ विकासशील देशों पर केंद्रित हैं।
- इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी. में है
- यह प्रदूषण में कमी के रूप में मानव विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सिंचाई, सरकारी सेवाओं, पर्यावरण संरक्षण जैसे ग्रामीण विकास के लिए काम करता है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर (सड़क, शहरी उत्थान, बिजली और शासन ‘भ्रष्टाचार विरोधी, कानूनी संस्थानों का विकास)।
- यह सदस्य देशों को ऋण और अनुदान प्रदान करता है। इस प्रकार यह विकासशील देशों की आर्थिक नीतियों पर अत्यधिक प्रभाव डालता है।
5.अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी (IAEA)
- अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेन्सी की स्थापना 1957 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय आस्ट्रिया के वियना में है।
- इस मुख्य कार्य अमेरिकी राष्ट्रपति ड्विट आइजनहॉवर के प्रस्ताव “शांति के लिए परमाणु” को लागू करना है।
- यह परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और सैन्य उद्देश्यों के लिए इसके प्रयोग को रोकने के लिए कार्य करता है।
गैर सरकारी संगठन
1. एमनेस्टी इंटरनेशनल
- एमनेस्टी इंटरनेशनल एक स्वयं सेवी संगठन है।
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका उद्देश्य मानवीय मूल्यों एवं मानवीय स्वतंत्रता को बचाना तथा भेदभाव मिटाना और हर तरह के मानवाधिकारों की रक्षा हेतु आंदोलन चलाना है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1961 में लंदन में पीटर बेनेसन द्वारा की गयी।
- यह मानवाधिकारों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित करता है।
- एमनेस्टी का उद्देश्य बच्चों, महिलाओं, अल्पसंख्यको और स्वदेशियों को उनक अधिकार दिलवाना है।
एमनेस्टी के अन्य कार्य:-
(ⅰ) उत्पीड़न का अंत
(ii) मृत्यु की सजा का उन्मूलन।
(iii) शरणार्थियों के अधिकार।
(iv) मानवीय गरिमा के संरक्षण।
2. ह्यूमन राइट्स वॉच
- ह्यूमन राइट्स वॉच एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जो मानव अधिकारों के अनुसंधान और वकालत में शामिल है।
- यह अमेरिका में सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है।
- यह मानवाधिकारों के हनन की ओर वैश्विक मीडिया का ध्यान आकर्षित करता है।
- इसने बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाने वाले अभियानों, बाल सैनिकों के उपयोग को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना जैसे कार्यों में मदद की है।